मुकेश मोती चुगने गयी रे हँसी मोती चुगने गयी रे हँसी मानसरोवर तीर मानसरोवर तीर शमशाद पंख पंख पे राजहंस ने पंख पंख पे राजहंस ने लिख दी प्रीत की पीर लिख दी प्रीत की पीर
मुकेश प्यास बुझाने आई हँसी छलक रहा था नीर प्यास बुझाने आई हँसी छलक रहा था नीर शमशाद प्यासी रह गयी अंखियां उसकी प्यासी रह गयी अंखि यां उसकी प्यासी रह गयी अंखि यां उसकी लग गया प्रीत का तीर लग गया प्रीत का तीर मुकेश मोती चुगने गयी रे हँसी मोती चुगने गयी रे हँसी मानसरोवर तीर मानसरोवर तीर
मुकेश कभी मिटे नहीं प्यास प्रीत की प्यासा सदा अधीर कभी मिटे नहीं प्यास प्रीत की प्यासा सदा अधीर शमशाद जनम जनम की प्यासी हँसी जनम जनम की प्यासी हँसी जनम जनम की प्यासी हँसी कैसे धरे अब धीर कैसे धरे अब धीर मुकेश मोती चुगने गयी रे हँसी मोती चुगनेगयी रे हँसी मानसरोवर तीर मानसरोवर तीर
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