मुकेश नित्य निरंतर बोले अंतर काम सदा शिव का ही मंतर बोलो हर हर हर शिव शंकर मुकेश और साथी बोलो हर हर हर शिव शंकर बोलो हर हर हर शिव शंकर मुकेश दसों दिशा मे तेरा मंतर घर घर बाजे तेरा मंतर बोलो हर हर हर शिव शंकर मुकेश और साथी बोलो हर हर हर शिव शंकर बोलो हर हर हर शिव शंकर
मुकेश त्रिशूल धारी है त्रिलोचन सकल जगत के संकट मोचन त्रिशूल धारी है त्रिलोचन सकल जगत के संकट मोचन तन पर साज़ रहा व्याघाम्बर छाया विश्व मे तू ही तो अंबर बोलो हर हर हर शिव शंकर मुकेश और साथी बोलो हर हर हर शिव शंकर बोलो हर हर हर शिव शंकर मुकेश नित्य निरंतर बोले अंतर काम सदा शिव का ही मंतर बोलो हर हर हर शिव शंकर मुकेश और साथी बोलो हर हर हर शिव शंकर बोलो हर हर हर शिव शंकर
मुकेश डमक डमक जब डमरू बाजे डमक डमक जब डमरू बाजे किस का नाग जगन मे गाजे अंग अंग मे भक्ति विराजे जागे जग के सात समंदर जोश भरी लहरें कहें इस पर बोलो हर हर हर शिव शंकर मुकेश और साथी बोलो हर हर हर शिव शंकर बोलो हर हर हर शिव शंकर
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