शाम ढली और निकले हैं तारे आजा रे चाँद आजा नदिया किनारे तुझ बिन अकेले जी ना सकेंगे रो रो मरेंगे नैन हमारे
ओ मेरे हमराही क्यूँ तेरा मन घबराये अब यह साथ ना छूटेगा चाहे जग बैरी हो जाए ओ मेरे हमराही क्यूँ तेरा मन घबराये अब यह साथ ना छूटेगा चाहे जग बैरी हो जाए ओ मेरे हमराही जीवन के अँधियारो में मैं दीपक और तू ज्योति जीवन के अँधियारो में मैं दीपक और तू ज्योति युग युग से हैं संग हमारा युग युग से हैं संग हमारा हो सीप में जैसे मोती ओ मेरे हमराही क्यूँ तेरा मन घबराये अब यह साथ ना छूटेगा चाहे जग बैरी हो जाए ओ मेरे हमराही
जब तक संसार रहेगा मेरा तुझ से प्यार रहेगा जब तक संसार रहेगा मेरा तुझ से प्यार रहेगा हर जनम में मुझको तेरा हर जनम में मुझको तेरा यू हीं इंतेज़ार रहेगा ओ मेरे हमराही क्यूँ तेरा मन घबराये अब यह साथ ना छूटेगा चाहे जग बैरी हो जाए ओ मेरे हमराही
उलफत का साज़ ना टूटे ये साज़ बजाते रहना उलफत का साज़ ना टूटे ये साज़ बजाते रहना आवाज़ में मेरी हरदम आवाज़ में मेरी हरदम आवाज़ मिलाते रहना ओ मेरे हमराही क्यूँ तेरा मन घबराये अब यह साथ ना छूटेगा चाहे जग बैरी हो जाए ओ मेरे हमराही
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