आशा जन्नत से आई पिया मैं तुझे लेने मुकेश शुक्रिया जी यहाँ मैं हूँ मज़े में आशा दुनिया हमारी है सितारों की दुनिया मुकेश मेरी भी दुनिया बहारों की दुनिया आशा रानी गगन की कहती है आ जा मुकेश मैं भी हूँ अपनी धरती का राजा
आशा आए चाहे तू क्या जाने आ मेरे संग दीवाने दिखलाऊं अपना जहाँ मुकेश परी रे तू कहाँ की परी है धरती पे आई कैसे आशा कैसे कहूँ लगन तेरी यहाँ मुझे लाई कैसे के जाने-जाँ बंधी चली आई कैसे
मुकेश ओ ओ हो ओ आशा आ आ आ आ मुकेश ओ ओ हो ओ आशा मेरे जहाँ में हीरे मोती के महल हैं मुकेश मेरे जहाँ में भी तो यारो के दिल हैं आशा मस्ती में डूबी हवा मेरे चमन में मुकेश मेहनत की खुशबू यहाँ की पवन में अपनी ज़मीं है जन्नत हमारी आशा ठुकराओ ना यूँ चाहत हमारी मुकेश ना कर ऐसी सीना-तानी सुन ओ परियों की रानी तू कहाँ ओर मैं कहाँ
आशा कैसे कहु लगन तेरी मुझे यहाँ लाई कैसे मुकेश परी रे तू कहाँ की परी धरती पे आई कैसे के बोलो जी छवि दिखलाई कैसे
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