सुमन तू मेरा दिन है मैं तेरी रात आजा हर शाम तेरी मेरी होगी मुलाकात आजा तू मेरा दिन है मैं तेरी रात आजा हर शाम तेरी मेरी होगी मुलाकात आजा
सुमन सागर महल है सागर किनारे बिजली बुझा के करूँगी इशारे नज़रें बचा कर ऊपर बुलाऊंगी आइने में तुमसे आँखे मिलाऊँगी उसमें नगीने जैसा लगेगा शबाब बस उसी जगह बस उसी जगह होगी मुलाकात
मुकेश चोर को ही देख चोर घबरा गये आगे आगे तुम पीछे हम आ गये जिसकी तलाश थी उसे पा गये चोरो का माल सब चोर खा गये साथी चोरो का माल सब चोर खा गये चोरो का माल सब चोर खा गये सुमन तू मेरा दिन है मैं तेरी रात आ जा हर शाम तेरी मेरी होगी मुलाकात आ जा
सुमन पर्वत की चोटी पे पत्थर की कोठी है वहाँ तेरी याद में एक पनाह रोती है कहने को आँसू है समझो तो मोती है जब घरवालो की आँख लगी होती है खिड़की से देखती हूँ तारों की बारात बस उसी जगह बस उसी जगह होगी मुलाकात मुकेश अच्छा हुआ हीरे मोती बाहर आ गये किसने कमाया और कौन खा गये दोनो के नसीब आज टकरा गये और चोरो का माल सब चोर खा गये साथी चोरो का माल सब चोर खा गये चोरो का माल सब चोर खा गये सुमन तू मेरा दिन है मैं तेरी रात आ जा हर शाम तेरी मेरी होगी मुलाकात आ जा
सुमन कर लो वादा साथ चलोगे नये दौर में सैर करोगे मखमल के पर्दो के साए में छुपके आएगा मज़ा तेरे प्यार में लूट के होठों से पिलाऊंगी मैं प्यार की शराब बस उसी जगह बस उसी जगह होगी मुलाकात मुकेश देखा तेरा रूप सब धोखा खा गये आँखो के इशारे हमें समझा गये नहले पे दहला बन के हम आ गये चोरो का माल सब चोर खा गये साथी चोरो का माल सब चोर खा गये चोरो का माल सब चोर खा गये चोरो का माल सब चोर खा गये चोरो का माल सब चोर खा गये
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