मुकेश नहीं होता सुनो और नहीं होता हेमंत हमारे हाल पे रहम करो के हमसे और नहीं होता रोज़ ये नाटक रोज़ ये मैकअप चिकनी चुपड़ी मालिश करना खद्दर जैसी गालें घिसकर बोसकी जैसी पालिस करना नहीं होता मुकेश आ था जब जनम लिया था ई हो के मर गई आ था जब जनम लिया था ई हो के मर गई अच्छा था जब पीता था मैं जीता था मर गई जबसे पीती हूँ मैं जीती हूँ अरे मर गई मर गई मर गई मर गई आ था जब जनम लिया था ई हो के मर गई
हेमंत असली सूरत भूल गये हैं नकल की ऐसी तैसी हो असली सूरत भूल गये हैं नकल की ऐसी तैसी हो आईने में देख के खुद को बोल उठे ये कैसी हो मुकेश मर गया अपना पैंटकोट जो धोता था रह गयी मैं यह पेटीकोट है धोती हूँ मुकेश, हेमंत और मन्ना अरे मर गई मर गई मर गई मर गई आ था जब जनम लिया था ई हो के मर गई आ था जब जनम लिया था ई हो के मर गई
मन्ना काहे शोर करत है ससुरी काहे शोर करत है ससुरी ससुरी ससुरी शोर करत है ससुरी औरत जात को चुप ना लागे एक बोले तो दुनिया जागे औरत जात को चुप ना लागे एक बोले तो दुनिया जागे बोर बोर बोर करत ससुरी बोर करत ससुरी कान पकड़ कर उड़ जाये काग़ा आस पड़ोस मोहल्ला भागा कान पकड़ कर उड़ जाये काग़ा आस पड़ोस मोहल्ला भागा बोर बोर बोर करत ससुरी कहे शोर करत है ससुरी सोर न कर अरे और न कर ज़रा गौर तो कर रख मौन बरत ससुरी ससुरी ससुरी ससुरी सासु कहे शोर करत है ससुरी शोर ना कर और ना कर
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