मुकेश ऐ दिलरुबा कल की बात कल के साथ गई ऐ दिलरुबा कल की बात कल के साथ गई सुमन आज से आओ करें मिल के कोई बात नई आज से आओ करें मिल के कोई बात नई मुकेश ऐ दिलरुबा
मुकेश गुलशन में तेरी आँखों में काजल को देख लिया तरसेगा तरसेगा सावन में तेरी ज़ुल्फ़ों में बादल को देख लिया बरसेगा बरसेगा सुमन आज के बाद से हर दिन हो नया रात नई आज के बाद से हर दिन हो नया रात नई ऐ दिलरुबा कल की बात कल के साथ गई ऐ दिलरुबा
सुमन नज़र को हर घड़ी एक इंतज़ार था नज़र को हर घड़ी एक इंतज़ार था मुकेश समझ ना पाए तुम यही तो प्यार था सुमन तूने समझा दिया जानेमन शुक्रिया मुकेश ऐ दिलरुबा कल की बात कल के साथ गई सुमन आज से आओ कोई मिलके करे कोई बात नई मुकेश और सुमन ऐ दिलरुबा
मुकेश रातों को मेरी पलकों पे सपना सा बन के कोई छा जाना छा जाना सुमन सपनों में मेरी आँखों से पलभर भी दूर कभी ना जाना ना जाना आज के बाद से हर दिन हो नया रात नई आज के बाद से हर दिन हो नया रात नई मुकेश ऐ दिलरुबा कल की बात कल के साथ गई सुमन ऐ दिलरुबा कल की बात कल के साथ गई मुकेश और सुमन आज से आओ कोई मिलके करे कोई बात नई ऐ दिलरुबा
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