मुकेश ऐ प्यार मुझे रो लेने दे ऐ प्यार मुझे रो लेने दे कि मेरी पलकों के किनारे जलते हैं एक आग लगी अरमानों में कि मेरे जीने के सहारे जलते हैं ऐ प्यार मुझे रो लेने दे कि मेरी पलकों के किनारे जलते हैं
सुमन तेरे लिए तोड़ा हैं सोने की दीवारों को अपना लहू दूँगी तेरी बेरंग बहारों को अब चुन ले राह के ख़्वाबों को मुकेश ऐ प्यार मुझे रो लेने दे कि मेरी पलकों के
सुमन कैसे जियेंगे हम जियेंगे अगर डूब के आंहों में कब से परेशां हैं मिलन के ख़्वाब निगाहों में बुला ले प्यार की बाहों में
मुकेश दो होंठ हिले इक गीत सुना
TIMELYRICS ROMANVideoAudioCONCERTKARAOKEINSTRUMENTALANECDOTEDownload