मुकेशजाने कहाँ गए वो दिन कहते थे तेरी राह मेंनज़रों को हम बिछाएंगेजाने कहाँ गए वो दिन कहते थे तेरी राह मेंनज़रों को हम बिछाएंगेचाहे कहीं भी तुम रहो चाहेंगे तुमको उम्र भरतुमको ना भूल पाएंगेमेरे कदम जहाँ पड़े सजदे किये थे यार ने मेरे कदम जहाँ पड़े सजदे किये थे यार नेमुझको रुला रुला दिया जाती हुई बहार नेजाने कहाँ गए वो दिन कहते थे तेरी राह में नज़रों को हम बिछाएंगेचाहे कहीं भी तुम रहो चाहेंगे तुमको उम्र भरतुमको ना भूल पाएंगे अपनी नज़र में आज कल दिन भी अंधेरी रात है अपनी नज़र में आज कल दिन भी अंधेरी रात हैसाया ही अपने साथ था साया ही अपने साथ हैजाने कहाँ गए वो दिन कहते थे तेरी राह में नज़रों को हम बिछाएंगेचाहे कहीं भी तुम रहो चाहेंगे तुमको उम्र भरतुमको ना भूल पाएंगे कल खेल में हम हो ना हो गर्दिश में तारे रहेंगे सदाकल खेल में हम हो ना हो गर्दिश में तारे रहेंगे सदाभूलेंगे के तुम भूलेंगे वोपर हम तुम्हारे रहेंगे सदारहेंगे यही अपने निशाँ इसके सिवा जाना कहाँजी चाहे जब हमको आवाज़ दोहम है वही हम थे जहाँअपने यही दोनो जहाँ इसके सिवा जाना कहाँ
साथी कल खेल मे हम हो ना हो गर्दिश मे तारे रहेंगे सदाकल खेल मे हम हो ना हो गर्दिश मे तारे रहेंगे सदाभूलेंगे के तुम भूलेंगे वोपर हम तुम्हारे रहेंगे सदारहेंगे यही अपने निशाँ इसके सिवा जाना कहाँजीना यहाँ मरना यहाँ इसके सिवा जाना कहाँजीना यहाँ मरना यहाँ इसके सिवा जाना कहाँजीना यहाँ मरना यहाँ इसके सिवा जाना कहाँ
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