सुशीला लगत नज़र तोरी छलैया मोरे गोरे बदन को लगत नज़र तोरी छलैया मोरे गोरे बदन कोलगत नज़र तोरी छलैया मोरे गोरे बदन कोलगत नज़र तोरी छलैया मोरे गोरे बदन को
सुशीलाआज सुहाग की रात सुहानी जागे है अब प्रीत पुरानी खेलूँगी तुम संग होरी छलैया मोरे गोरे बदन कोखेलूँगी तुम संग होरीछलैया मोरे गोरे बदन कोलगत नज़र तोरी छलैया मोरे गोरे बदन कोमुकेश चाँद छुपा है अब ना डरो जी मन में है वो बात कहो जी चाँद छुपा है अब ना डरो जीमन में है वो बात कहो जी
सुशीला सैयां क्यों बैयां मरोरी छलैया मोरे गोरे बदन कोसैयां क्यों बैयां मरोरी छलैया मोरे गोरे बदन कोलगत नज़र तोरी छलैया मोरे गोरे बदन कोछोड़ो ना राजा छोड़ो जी पल्ला देखो जी बालमा गिर जाये छल्ला छोड़ो ना राजा छोड़ो जी पल्लादेखो जी बालमा गिर जाये छल्ला
मुकेश काहे संभाले लाज घूँघट की प्रीत जुड़ी है अंतर-पट की मानो मिज़ाजन मानो हठीली मानो मिज़ाजन मानो हठीली सुशीला जाओ काहे बरजोरी छलैया मोरे गोरे बदन कोजाओ काहे बरजोरी छलैया मोरे गोरे बदन कोलगत नज़र तोरी छलैया मोरे गोरे बदन को
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