लगा के दिल को किसी से ये क्या किया मैंने सुकूने-ज़िन्दगी हाय गवां दिया मैंने लगा के दिल को किसी से ये क्या किया मैंने
खबर थी क्या हमें ढायेंगे वो ही हम पे सितम कि जिनकी याद में दुनिया को भूल के बैठे हैं हम फरिश्ता आदमी को क्यूँ समझ लिया मैंने लगा के दिल को किसी से ये क्या किया मैंने
नहीं है हमको पता पर यह लोग कहते हैं कि आजकल तो सदा हम उदास रहते हैं दीवाने हो गये हैं हम तो यह सुना मैंने लगा के दिल को किसी से ये क्या किया मैंने
बनी है दर्द कसक टीस ज़िन्दगी मेरी बदल गई है ग़मों में हर इक ख़ुशी मेरी किसी के प्यार में पाई है ये सज़ा मैंने लगा के दिल को किसी से ये क्या किया मैंने
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