मत रो मत रो मत रो मत रो भारत माता मत रो हिंदुस्तान चमकेगा चन्दा बन कर अब सूरज वही महान मत रो भारत माता मत रो हिंदुस्तान
दिया बुझ गया लेकिन जगमग कर घर घर में दिवाली बीज मिट गया लेकिन फूलों से भर कर डाली डाली गया महात्मा मगर पिलाकर ज्ञान अमृत की प्याली सेनापति चला पर दे कर ताक़त तुफ़ानोंवाली पूजा गांधी की डंके से आज तमाम जहान मत रो भारत माता मत रो हिंदुस्तान
उनकी सेवाओं से जग में हम सेवा करना सीखें उनके सत्यव्रत से सत्य की राह पर हम चलना सीखें उनकी अहिंसा को अपनाकर इन्सां से डरना सीखें उनके जीने से जीना और मरने से मरना सीखें उनकी दुआएं साथ हैं अपने करने को कल्याण मत रो भारत माता मत रो हिंदुस्तान
आज स्वर्ग से बापू का फिर वही संदेसा आता है पिता है जगतपिता हम सबका माता भारत माता है हिंदुस्तानी जात है मानव धर्म धर्म कहलाता है छुआछूत और ऊंच नीच का कैसा हमसे नाता है बने हार गूँथ एक तार में फूल सा हर इंसान मत रो भारत माता मत रो हिंदुस्तान
जब तक मंदिर है मस्जिद है गिरजे और गुरूद्वारे हैं जब तज राम रहीम गुरु और ईसा के जान प्यारे हैं तब तक जग में अमर रहेगा बापू का बलिदान मत रो भारत माता मत रो हिंदुस्तान मत रो मत रो मत रो
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