बेला मेरे मन में छुपी है इक बात सजना कह दूँ क्या मुकेश काहे हमें ललचावे गोरी तू इतना कह दे ना बेला मेरे मन में छुपी है इक बात सजना कह दूँ क्या
बेला जब शाम घटा घिर आवे हायजब शाम घटा घिर आवेतब काहे चमके बिजुरिया हायतब काहे चमके बिजुरियामुकेश ये तो राधा की झांझर झनके ये तो राधा की झांझर झनकेजब मिलते हैं उसके साँवरिया हो जब मिलते हैं उसके साँवरिया बेला मेरे मन में छुपी है इक बात सजना कह दूँ क्यामुकेश काहे हमें ललचावे गोरी तू इतना कह दे ना
बेला काहे धरती से दूर है चन्दा काहे चन्दा से दूर चकोरी काहे धरती से दूर है चन्दा काहे चन्दा से दूर चकोरी मुकेश गोरी हाल यही उन सबका जो प्रीत करे चोरी चोरी गोरी हाल यही उन सबका जो प्रीत करे चोरी चोरी जो प्रीत करे चोरी चोरी
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