तेरे हसीं बदन में जो दिल भी हसीं होता तेरे हसीं बदन में जो दिल भी हसीं होता फिर कोई तेरे मुक़ाबिल दुनिया में नहीं होता तेरे हसीं बदन में आँखें बड़ी-बड़ी हैं फिर तंगदिल है कैसे फिर तंगदिल है कैसे है बदन तो फूल जैसा है बदन तो फूल जैसा फिर संगदिल है कैसे कोमल कली के जैसा जो दिल भी कहीं होता फिरकोईतेरेमुक़ाबिलदुनियामेंनहींहोता तेरे हसीं बदन में जो दिल भी हसीं होता तेरे हसीं बदन में
सीखा सिंगार तूने तुझे प्यार क्यूँ न आया तुझे प्यार क्यूँ न आया इन्कार तो है आता इन्कार तो है आता इकरार क्यूँ न आया जैसा लिबास तेरा एहसास कहीं होता फिर कोई तेरे मुक़ाबिल दुनिया में नहीं होता तेरे हसीं बदन में जो दिल भी हसीं होता फिर कोई तेरे मुक़ाबिल दुनिया में नहीं होता तेरे हसीं बदन में
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