सुमन कृष्ण अगर तुम राधा होते मैं होती घनश्याम बोलो क्या होता बोलो क्या होता बोलो क्या होता कृष्ण अगर तुम राधा होते मैं होती घनश्याम बोलो क्या होता मुकेश जब मैं कहता मुरली बजाओ जब मैं कहता मुरली बजाओतुम कहती छोड़ो न सताओ फिर मिलना कल शाम बोलो क्या होता बोलो क्या होता बोलो क्या होता
सुमन सांझ सवेरे मुरली बजा के सांझ सवेरे मुरली बजा केतुम्हरे मन में आग लगाती तुम्हरे मन में आग लगाती मुकेश फिर मैं दौड़ा दौड़ा आता मुझको दुनिया रोक न पाती सब करते बदनाम बोलो क्या होता बोलो क्या होता बोलो क्या होता सुमन जब तुम आते पनिया भरन को जब तुम आते पनिया भरन कोमैं तुम्हरी गागर को छुपाती मैं तुम्हरी गागर को छुपातीमुकेश फिर मैं तुमरी बिनती करता और हँसी तुमको आ जाती सखियाँ धरती नाम मुकेश और सुमन बोलो क्या होता बोलो क्या होता बोलो क्या होता
सुमन जब तुम जमुना तट पे नहाते जब तुम जमुना तट पे नहातेमैं छुप जाती वस्त्र चुरा के मैं छुप जाती वस्त्र चुरा केमुकेश फिर मैं सुचमुच डूबने लगता तुम ही बचाती मुझको आ के ये होता अंजाम बोलो क्या होता बोलो क्या होता बोलो क्या होता सुमन कृष्ण अगर तुम राधा होते मैं होती घनश्याम बोलो क्या होता बोलो क्या होता बोलो क्या होता बोलो क्या होता
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