ज़िंदगी के मोड़ पर हम तुम मिले और खो गये अजनबी थे ओर फिर हम अजनबी से हो गये ज़िंदगी के मोड़ पर
पल दो पल जजबात की पल दो पलजजबात की लहरों में कितना जोश था एक ज़रा सी देर में तूफां के धारे सो गये खो गये ज़िंदगी के मोड़ पर हम तुम मिले और खो गये ज़िंदगी के मोड़ पर
दिल के हर एक तार ने दिल के हर एक तार ने क्या जानिए क्या सोज़ है साज छेड़ा ओर सभी नगमें परेसन हो गये हो गये ज़िंदगी के मोड़ पर हम तुम मिले और खो गये ज़िंदगी के मोड़ पर
जिस कदर नज़दीक आये जिस कदर नज़दीक आयेफ़ासले बढ़ते गये दो मुसाफिर अपनी मंज़िल पर पहुँच कर खो गये खो गये ज़िंदगी के मोड़ पर हम तुम मिले और खो गये अजनबी थे ओर फिर हम अजनबी से हो गये ज़िंदगी के मोड़ पर
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