साथी होये होये होये होये होयेहोये होये होये होये होयेधूप ओ बल्ले धूप ओ बल्ले धूपओबल्लेधूपओबल्लेहड़िप्पा हड़िप्पा हड़िप्पा मुकेश इन्सानों से क्यूँ झुकते हो तुम भी तो इन्सान हो हरे भरे ये खेत हैं मंदिर जिनके तुम भगवान हो मुकेश ज़िंदगी ज़िंदगी ज़िंदगी ज़िंदगी छोटी हो या लम्बी हो आशा अरे छोटी हो या लम्बी हो मुकेश क्यूँ बीते तकरार में आशा क्यूँ ना गुजरे प्यार में मुकेश और आशा ज़िंदगी ज़िंदगी ज़िंदगी ज़िंदगी रफ़ी ओ हो हो हो हो हो हो ओ ओहो हो ओ हो हो ओ ओहो हो मन की खिड़की खोल के रखो जाने प्यार का झोंका कब आ जाए नफ़रत के सब दीप बुझा कर प्रीत के फूल खिला जाए साथी ज़िंदगी ज़िंदगी पुरुष साथीसुन बलिये महिला साथीहाँ चनवे साथी बल्ले बल्ले आशा सोने के अंबार लगे हैं धरती पर पुरुष साथीहाँ हाँधरती पर महिला साथीहाँ धरती पर मुकेश खुशियों के बाज़ार सजे हैं धरती पर पुरुष साथीहाँ हाँधरती पर महिला साथीहाँ धरती पर मुकेश और आशा मेहनत की तक़दीर है दाने दाने में और इन्सां की तक़दीर है दाने दाने में रफ़ी धरती दे और बेटे खाएँ फिर भी माँ के गुण ना गाये हैवानों को कह दो आ कर इन्सानों को ये समझाएँ साथी ज़िंदगी ज़िंदगी आशा क्यूँ ना मिल जुल कर बैठें एक पेड़ की छाया में महिला साथीएक पेड़ की छाया में पुरुष साथीअरे एक पेड़ की छाया में मुकेश एक बराबर हिस्सा बाँटें एक दूजे की माया में महिला साथीएक दूजे की माया में पुरुष साथीअरे एक दूजे की माया में मुकेश हँसते हँसते करले प्यारे गम और खुशियों के बटवारे आशा प्रीत की रीत चला दे ऐसी ई ई ई ई ई ई शबनम बन जाए अंगारे रफ़ी हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ दिल ही गंगा दिल ही जमुना दिल मथुरा दिल काशी दिल हो साफ़ तो हर दिन होली हर रात है पूरणमासी साथी ज़िंदगी ज़िंदगी ज़िंदगी ज़िंदगी मुकेश छोटी हो या लम्बी हो आशा छोटी हो या लम्बी हो मुकेश क्यूँ बीते तकरार में आशा क्यूँ ना गुज़रे प्यार में साथीज़िंदगी ज़िंदगी ज़िंदगी ज़िंदगी
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