मुकेशहज़ार दिल में हो तो ऐसे निकले वो अरमां हेमलतानिकाल लो सनम अब दिल में हो जो अरमां मुकेशचाँद-सा मुख तेरा रेशम बदन होये जादू आँखों से किया तूने हेमलताआ जा रे प्यार को तरसें काहे हम चाहत की झोलियों को भर ले मुकेशशरमा के मिलता है क्यों जालिम हेमलतादिल हो बहका-बहका क्यों जालिमा रहते हो बहके क्यों
मुकेशमन में तो मेरे कोई प्यास पले सबना प्यासा दिल कैसे माने हेमलतापड़े चैना तेरे बिन सजना दुनिया क्यूँ नहीं माने जलवा है कोई तेरे बिन जालिमा समझे न दिल को दर्द जालिमा हज़ार दिल में
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