मुकेशकहने वाले कहते हैं भगवान की दुनिया गोल है ए जी हमने चक्कर खा के देखा बड़ी ढोल में पोल है भाग की भी भगवान ने भइया अजब बनाई रेखा गधे को हाथी पर चढ़कर हलवा खाते देखा अरे ज़माना बदल गया है मेरा सीना धड़का ए जी छोड़ के साड़ी पैन्ट पहन के लड़की बन गयी लड़का नाक है इनकी चिंचपोकली आँख आसनसोल हैं साथीहमने चक्कर खा के
शमशाददेख लो ये शूरवीरों की खड़ी सन्तान है गाल हैं पिचके हुए और कमर जो है वो टेढ़ी कमान है आँख में सुरमा हैं डाले ये जनाने साब हैं जिन्दा इनके बाप हैं और मूंछे इनकी साफ हैं बड़े सुहाने लगते हैं ये सुनो दूर के ढोल हैं साथीहमने चक्कर खा के
मुकेशदेख लो इन औरतों की जिनकी दो दो चोटियाँ घूमती हैं मोटरों में हम पकाते रोटियाँ इनके फैशन ने हमारा तो दीवाला कर दिया बिक गये बरतन हमारे रह गई लंगोटियाँ देवी जी ने घर गृहस्थी कर दी डाँवांडोल है साथीहमने चक्कर खा के
शमशादजब से मरदों ने मुंडा डाली हैं मूंछ और दाढ़ियाँ तब से हमने भी पहननी छोड़ दी हैं साड़ियाँ गालों पर पाउडर और लाली जब लगाने तुम लगे तब से घर को छोड़कर दफ्तर को जाने हम लागे अब तो मौज करेंगी हम तुम सब का बिस्तर गोल है साथीहमने चक्कर खा के
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