महमूद खामोश ये आसमान है जमीं थोड़ी है जो तुम लोग जानवरों की तरह लड़ रहे हो देखो अगर मस्ती करोगे तो मैं तुम्हें भगवान के हवाले कर दूँगा जैसे आपुन नीचे ज़मीन पर राशन के लिए लाईन लगाते हैं वैसे लाईन लगाव शाबाश राशन राशन जैसे चावल माँगते हैं आपुन हाँ अरे कैसी औलाद है हाथ अरुणा अरे हाथ जोड़ो रे प्रभु आज कैलाश में ये कैसी भीड़ है मुकेश ये कौन है ये कौन है जो बेसहारा है तुम अकेले हो मगर ये पुरे ग्यारह हैं बोलो बोलो साथी मन्ना नहीं मुकेश बराती मन्ना नहीं जी मुकेश पुजारी मन्ना नहीं मुकेश भिखारी मन्ना ना मुकेश तारे मन्ना तारे नहीं मेरे दुलारे हैं अरुणा मेरे चुन्नों को मेरे मुन्नों को किसी की नज़र ना लगे साथी चश्मे बददुर मन्ना अरे मुन्नों की अम्मा आशा क्या मन्ना ये तो बता आशा ओय फिटटे मूं मन्ना तेरी फुटबाल टीम का नाम क्या है सच सच बता प्रभु से न छिपा इसमें शरमाने का भला काम क्या है मुन्नों की अम्मा ये तो बता तेरी फुटबाल टीम का नाम क्या है महमूद बोलो जोरू सब के नाम अरुणा प्रभु ये आशा अरे हटो न बीच में से जनवरी, फ़रवरी, मार्च अप्रैल मई जून जुलाई अगस्त सितम्बर अक्टूबर नवम्बर गोद में और दिसम्बर पेट में साहू अरे तुम्हारे एक परिवार में इतने सारे बच्चे महमूद क्या करूँ भगवान क्या करूँ ये सब तो आप ही की देन है क्या करूँ मन्ना खाली खाली था ये घर मेरा भर गया इसमें तेरा डेरा साथी अम्मा इक रोटी दे बाबा लंगोटी दे मन्ना इक तारा बोला तुन-तुन ओ शंकर भोले सुन-सुन काँटे लगते हैं ये फूल हमसे हो गई कैसे भूल फिर इसके बाद तकुम इक तारा बोले ओ शंकर भोले सुन सुन अरुणा ज्योत से ज्योत जगाते रहे हाय-हाय रोज दीवाली मनाते रहे कैसे दीवाने थे हम अपने घर में ही आग लगाते रहे रोज दीवाली मनाते रहे महमूद रूप तेरा मस्ताना पास मेरे ना आना फूल कोई फिर से न खिल जाये अरुणा आ ओय ओय महमूद क्या हुआ क्या हुआ क्या हुआ अरुणा अब और फूल नहीं खिलना चाहिए बस महमूद अच्छा अच्छा प्रभु प्रभु इस बढ़ती हुई आबादी की मुसीबत से हम कैसे बचें आप ब्रह्माजी से कहिये ना कुछ दिनों के लिए बच्चों की पैदाइश बन्द करें महमूद ये कैसे हो सकता है भक्त तो फिर एक काम करिये प्रभु साहू वो क्या प्रभु, इससे आबादी भी कम हो जायेगी बच्चा बजाय ९ महीने के १८ महीने मे पैदा हो अरुणा आ ओय ओय महमूद क्यूँ रोती है अरुणा १८ महीने अरे हम औरतो का हाल क्या होगा ये बोझ तुम मरद क्यूँ नही ले लेते महमूद नको नको ये दरद मेरे को नको प्रभु आप ही कुछ बताइए साहू देखो भक्त ब्रह्मदेव की सृष्टि को बदलने की कोई आवश्यकता नही महमूद क्या प्रभु साहू क्योकि उन्होने पहले ही मनुष्य को अनंत शक्ति का वरदान दिया है यदि मनुष्य सोच समझ कर अपना जीवन बिताने का प्रयत्न करे तो उसे सुख और शांति अवश्य प्राप्त होगी महमूद प्राप्त प्रभु मैं कुछ समझा नहीं साहू नहीं समझे बालक अच्छा अब तुम अभी समझ जाओगे सोहम ये देखो इस आदर्श परिवार को देखो महमूद अरे सिर्फ दो बच्चे ये कैसे साथी ये लीजिये परिवार नियोजन महमूद परिवार नियोजन जय हो प्रभु मुकेश ये तुम खुद भी समझ लो और सबको समझाओ अपनी चादर देख के तुम पाँव फैलाओ जाओ भक्तो जाओ जाओ भक्तो जाओ मन्ना डे ऐ भाई ज़रा देख के चलो देखो तुम करो शादी भी पैदा करो तुम बच्चे भी कम हों तो लगें अच्छे भी ऐ भाई
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