मुकेश जमीं पे चाँद का नूर देखो ये बसरे की हूर देखो लताआ आ आया आया सलाम मेरे यार का अब नहीं गम शबे-इंतज़ार का या हबीबी या हबीबी या हीबीबी मुकेश मैं हूँ मस्त मदारी हो मैं हूँ मस्त मदारीदेखो राजस्थानी पानी छम छम करती आई जवानी
लताआजम्हानेआजम्हाने आज म्हाने देवर लेने आयो रे सावणियो मन भायो रे भायो रे सासरीये जावु रे आड़ू पीहरिए थी आवो रे हो हो मुकेश मैं हूँ मस्त मदारी हो मैं हूँ मस्त मदारीबिना तीर दिल घायल कर दूँ ऐसा हूँ मैं शिकारी मैं हूँ मस्त मदारी हो मैं हूँ मस्त मदारी
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