मुकेश तुम रूठी रहो मैं मनाता रहूँ तुम रूठी रहो मैं मनाता रहूँ कि इन अदाओं पे और प्यार आता है कि इन अदाओं पे और प्यार आता है इन अदाओं पे और प्यार आता है लता थोड़े शिकवे भी हों कुछ शिकायत भी हो थोड़े शिकवे भी हों कुछ शिकायत भी हो तो मज़ा जीने का और भी आता है मज़ा जीने का और भी आता है
मुकेश हाय दिल को चुरा कर ले गया मुँह छुपा लेना हमसे वो आपका मुँह छुपा लेना हमसे वो आपका देखना वो बिगड़ कर फिर हमें और दाँतों में उंगली का दाबना और दाँतों में उंगली का दाबना ओ मुझे तेरी कसम ये ही समां मार गया इस जलवे पे तेरे दोनों जहाँ हार गया तुम रूठी रहो मैं मनाता रहूँ कि इन अदाओं पे और प्यार आता है इन अदाओं पे और प्यार आता है लता थोड़े शिकवे भी हों कुछ शिकायत भी हो तो मज़ा जीने का और भी आता है मज़ा जीने का और भी आता है लता ये न समझो की तुमसे दूर हूँ ये न समझो की तुमसे दूर हूँ तेरे जीवन की प्यार भरी आस हूँ तेरे जीवन की प्यार भरी आस हूँ चाँद के संग जैसे है चाँदनी वैसे मैं भी तेरे दिल के पास हूँ वैसे मैं भी तेरे दिल के पास हूँ हाय वो दिल नहीं जो न धड़कना जाने और दिलदार नहीं जो न तड़पना जाने थोड़े शिकवे भी हों कुछ शिकायत भी हो तो मज़ा जीने का और भी आता है मज़ा जीने का और भी आता है मुकेश तुम रूठी रहो मैं मनाता रहूँ कि इन अदाओं पे और प्यार आता है इन अदाओं पे और प्यार आता है मुकेश चाहे कोई डगर हो प्यार की ख़त्म होगी न तेरी मेरी दास्तां ख़त्म होगी न तेरी मेरी दास्तां लता दिल जलेगा तो होगी रोशनी तेरे दिल में बनाया मैंने आशियाँ तेरे दिल में बनाया मैंने आशियाँ
मुकेश ओ शरद पूनम की रंग भरी चाँदनी मेरी सब कुछ मेरी तक़दीर मेरी ज़िंदगी तुम रूठी रहो मैं मनाता रहूँ कि इन अदाओं पे और प्यार आता है इन अदाओं पे और प्यार आता है लता थोड़े शिकवे भी हों कुछ शिकायत भी हो तो मज़ा जीने का और भी आता है मज़ा जीने का और भी आता है
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