आज खरुं अवतरवानुं टाणु हवे प्रभु अवतार लो तो प्रभु जाणु आज खरुं अवतरवानुं टाणु हवे प्रभु अवतार लो तो प्रभु जाणु कंसनी सामे तमे कृष्ण थया अने रावणनी सामे राम पण आजे तो कंसनो पार नथी जगमां ने रावण तो सोमां नवाणु हवे प्रभु अवतार लो तो प्रभु जाणु कंईकने मार्या तमे कंईकने तार्या ने धर्या तमे विध-विध अवतार पण आजे ज्यारे भीड़ पड़ी त्यारे अवतरतां लागे केम वार श्रदधानो दीवो तारो मंड़यो बुझावा हवे कोण ताणे तारुं उपराणु हवे प्रभु अवतार लो तो प्रभु जाणु आ चंद्रमा तो हवे हाथ वेंतमां अने सुरजनी घडीयो गणाय आकाश वींधीने अवकाशे आवी दोड़यो आवे ने दोड़यो जाय बधूंये जितायुं पण एक तू ना जिताय तो गीतानो गानारो साचो जाणु हवे प्रभु अवतार लो तो प्रभु जाणु
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