मुकेश चांदनी राते ओ हंसी चित्तडूं न बाढिये चांदनी राते ओ हंसी चित्तडूं न बाढिये अंधारा अजवाढ़ा आठे पहोर चंपो देखाशे नकरो थोर सपनामां जागी जईने साचुं न भाढिये अनुराधा चांदनी राते ओ हंसी चित्तडूं न बाढिये अंधारा अजवाढ़ा आठे पहोर चंपो देखाशे नकरो थोर सपनामां जागी जईने साचुं न भाढिये चांदनी राते ओ हंसी चित्तडूं न बाढिये अनुराधा सपनाने शूल वागी धरतीनी धुढ वागी सपनाने शूल वागी धरतीनी धुढ वागी सामे पुरे तरवानों छे तोर मुकेश आंबा राते ओ बेठु बावढियानी डाढ़ीए चांदनी राते ओ हंसी चित्तडूं न बाढिये चांदनी राते ओ हंसी चित्तडूं न बाढिये अनुराधा घरनी माया रही घरमां मुकेश दुनिया बैठी डूंगरमां अनुराधा घरनी माया रही घरमां मुकेश दुनिया बैठी डूंगरमां मुकेश और अनुराधा चांदनीमां चीतयाँ बपोर अनुराधा हैयानी होडीने ना हाथ ऊंधी वाढिये मुकेश चांदनी राते ओ हंसी मुकेश और अनुराधा चित्तडूं न बाढिये
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