मुकेश गगन तो मस्त छे सूरज नो अस्त छे विखरायेला वाढ़ तमारा केवा अस्तव्यस्त छे गगन तो मस्त छे मुकेश भयूँ कुमकुम भाले आंख मां सुरमो सजाव्यो छे भयूँ कुमकुम भाले आंख मां सुरमो सजाव्यो छे कही दो क्यां घूंघट मां चंद्र पूनम नो छुपाव्यो छे हवा मदमस्त छे सुकोमल हस्त छे विखरायेला वाढ़ तमारा केवा अस्तव्यस्त छे गगन तो मस्त छे आशा खरुं कहूँ छुं तमारी आँखनी आदत निराढ़ी छे अमे पण झूरी झूरी ने विरह मां रात गाढ़ी छे बधुं ये स्पस्ट छे विरह नुं कष्ट छे विखरायेला वाढ़ तमारा केवा अस्तव्यस्त छे मुकेश और आशा गगन तो मस्त छे सूरज नो अस्त छे विखरायेला वाढ़ तमारा केवा अस्तव्यस्त छे गगन तो मस्त छे सूरज नो अस्त छे गगन तो मस्त छे सूरज नो अस्त छे रमां
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