मारे जवुं तुं क्यां नो जई रहयो रोजनो रस्तो दगाबाज़ थई गयो गरदन ऊँची राखीने हूँ चालतो हतो भूली गयो मारो मने अंदाज नहीं रहयो मारे जवुं तुं क्यां नो जई रहयो कंटकथी खून नीतरता पगे चालतो हतो नेकीनी लाकडीथी केडी कापतो हतो पण माणसाइनो दीवो तूफ़ानमां बुझाई गयो रोजनो रस्तो दगाबाज़ थई गयो मारे जवुं तुं क्यां नो जई रहयो ए रूह ए रूह तारी अहीं जगा नथी वतन जा कोईनां पतन तें खूब क्यां तू झुंड पतन था तारा करेला हवे अटवाई गयो रोजनो रस्तो दगाबाज़ थई गयो मारे जवुं तुं क्यां नो जई रहयो
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