लता में तो सोढे सज्या शंगार जटाढा जोगी जोग उतारो मारा भवना मारा भव भवना भरधार जटाढा जोगी जोग उतारो में तो लता ओ बीज बनी ने माथे मारे बेसवु ना माथे ना थावूं मारे गंग रे एवा समाई जाऊँ तमारी जातमा जेवुं तमारुं अद्घूं अग रे मारो थाय सफढ संसार जटाढा जोगी जोग उतारो लता हो तारलिया नां तेज बनीने नज़रो माँ रंगी में रूपानी रेन रे पहेलां प्रभात जेवां प्रीते प्रकाशता खोली तमारा नैन रे जशे एढे मारो अवतार जटाढा जोगी जोग उतारो मुकेश नर जीते आ सारा जगने नारी नरने जीते तन ने मन बन्ने बंधायां जगमां एक ज प्रीते एक ज प्रीते शिव उमानां सघढां रूप समाया एक प्राण ने बे काया एक प्राण ने बे काया एक प्राण ने बे काया
TIMELYRICS ROMANVideoAudioCONCERTKARAOKEINSTRUMENTALANECDOTEDownload