मुकेश मैत्री भावनु पवित्र झरणु मुझ हैयामां वहया करे साथी मैत्री भावनु पवित्र झरणु मुझ हैयामां वहया करे मुकेश शुभ थाओ आ सकल विश्वनुं एवी भावना नित्य रहे साथी शुभ थाओ आ सकल विश्वनुं एवी भावना नित्य रहे मुकेश गुणथी भरेला गुणीजन देखि हैयुं मारुं नृत्य करे साथी हैयुं मारुं नृत्य करे मुकेश ए संतोना चरणकमल माँ मुझ जीवननुं अर्ध्य रहे साथी मुझ जीवननुं अर्ध्य रहे मुकेश दीन कुरने धर्मविहोणा देखी दिलमां दर्द रहे साथी देखी दिलमां दर्द रहे मुकेश करुणाभीनी आँखों मांथी अश्रुनो शुभस्त्रोत वहे साथी अश्रुनो शुभस्त्रोत वहे मुकेश मार्ग भूलेला जीवनपथिक ने मार्ग चींधवा ऊभो रहूँ साथी मार्ग चींधवा ऊभो रहूँ मुकेश करे उपेक्षा ए मारगनी तो य समता चित्त धरूँ साथी तो य समता चित्त धरूँ मुकेश चित्रभानुनी धर्म-भावना हैये सहु मानव लावे साथी हैये सहु मानव लावे मुकेश वेरझेरना पाह तजीने मंगल गीतो ए गावे मकेश और साथी मंगल गीतो ए गावे मैत्री भावनु पवित्र झरणु मुझ हैयामां वहया करे शुभ थाओ आ सकल विश्वनुं एवी भावना नित्य रहे एवी भावना नित्य रहे एवी भावना नित्य रहे
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