सनम जो तू बने गुल तो बुलबुल हूँ बनी जाऊँ कमलनुं रूप तारुं हो भ्रमर हूँ तो पछी थाऊँ सनम जो तू बने गुल तो तूं दीपक बनीने प्रगटयो हूँ बन्यों प्रेम-परवानो तूं दीपक बनीने प्रगटयो हूँ बन्यों प्रेम-परवानो वफ़ाथी जानने अर्पी प्रीति काजे जली जाऊँ सनम जो तू बने गुल तो तूं जाम हो अगर सुन्दर मदिरा हूँ प्यार नो थाऊँ तूं जाम हो अगर सुन्दर मदिरा हूँ प्यार नो थाऊँ खुमारी इश्कनी चढतां था मरगीमां भली जाऊँ सनम जो तू बने गुल तो तूं जो अगर समन्दर हो मढ़वाने हूँ नदी थाऊँ तूं जो अगर समन्दर हो मढ़वाने हूँ नदी थाऊँ हज़ारो कोश दूर-दूर थी वही जेते मढ़ी जाऊँ सनम जो तू बने गुल तो तूं जो अगर तरुवर हो बनी हूँ वेल लपटाऊँ तूं जो अगर तरुवर हो बनी हूँ वेल लपटाऊँ जीवनभर दिल्लगी करतां तुज पास मां ज मरी जाऊँ सनम जो तू बने गुल तो बुलबुल हूँ बनी जाऊँ कमलनुं रूप तारुं हो भ्रमर हूँ तो पछी थाऊँ सनम जो तू बने गुल तो
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