सुखनां स्वप्नां मां महाले छे मानव नीन्दरमां सुखनां स्वप्नां मां महाले छे मानव नीन्दरमां बे घडीनी बादशाही फुलाय अंतरमां सुखनां स्वप्नां मां महाले छे मानव नीन्दरमां बे घडीनी बादशाही फुलाय अंतरमां आवे ने वही जाय आवे ने वही जाय समयना रंग नित पलटाय लेख ललाटे लखो विधात्री कदीये ना बदलाय भूलो पडयो छे भोड़ी जीव आ भवना सागर मां बे घडीनी बादशाही फुलाय अंतरमां हंपद मां हरखाय हंपद मां हरखाय अधूरा घट पड़मां छलकाय मारा तारानी मुंझवनमां मनखो ऐड़े जाय खूंपी रही छे दुनिया सारी लालच ना घरमां वे घडीनी बादशाही फुलाय अंतरमां
NOT IN AUDIO पापी जन मलकाय प्रभुनी पूजा पण वेचाय पेट भरातां प्रभु ने नामे प्रपंच वधता जाय आग लागी छे अजानी दुनिया ना घरमां बे घडीनी बादशाही फुलाय अंतरमां
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