शाम से आँख में नमीं नमीं सी है शाम से आँख में नमीं नमीं सी है आज फिर आप की कमी कमी सी है शाम से आँख में नमीं नमीं सी है अजनबी सी होने लगी हैं आती जाती साँसें आँसूओं में ठहरी हुई हैं रूठी हुई सी यादें अजनबी सी होने लगी हैं आती जाती साँसें आँसूओं में ठहरी हुई हैं रूठी हुई सी यादें आज क्यूँ रात यूँ थमी थमी सी है शाम से आँख में नमीं नमीं सी है पत्थरों के होठों पे हमने नाम तराशा अपना जागी जागी आँखों में भर के सोया हुआ था सपना पत्थरों के होठों पे हमने नाम तराशा अपना जागी जागी आँखों में भर के सोया हुआ था सपना आंख में नींद भी थमी थमी सी है शाम से आँख में नमीं नमीं सी है
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