TIMELYRICS HINDIVideoAudioCONCERTKARAOKEINSTRUMENTALANECDOTEDownload
मैं अग्नि देश से आता हूँ अब लूटो राख लुटाता हूँ मैं अग्नि देश से आता हूँमैं अग्नि देश से आता हूँ
झुलस गया तन झुलस गया मन झुलस गया कवि-कोमल जीवन किंतु अग्नि-वीणा पर अपने जले कंठ से गाता हूँ अब लूटो राख लुटाता हूँमैं अग्नि देश से आता हूँमैं अग्नि देश से आता हूँ
स्वर्ण शुद्ध कर लाया जग में मैं लाया जग मेंउसे लुटाता आया में उसे लुटाता आया मेंदीनों का मैं वेश किये पर दीन नहीं हूँ दाता हूँ अब लूटो राख लुटाता हूँमैं अग्नि देश से आता हूँमैं अग्नि देश से आता हूँ
तुमने अपने कर फैलाए लेकिन देर बड़ी कर आए कंचन तो लुट चुका पथिक अब लूटो राख लुटाता हूँअब लूटो राख लुटाता हूँमैं अग्नि देश से आता हूँमैं अग्नि देश से आता हूँ