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मुकेश अपना देश विदेश के आगे हाथ न फैलाए साथी अपना देश विदेश के आगे हाथ न फैलाए मुकेश आज जहाँ है रेत कल वहाँ खेत मुस्कराए साथी आज जहाँ है रेत कल वहाँ खेत मुस्कराए मुकेश ऐसा करो, ऐसा करो कि गाँव-गाँव में गंगा लहराए मुकेश और साथी ऐसा करो कि गाँव-गाँव में गंगा लहराए अपना देश विदेश के आगे हाथ न फैलाए कभी भी हाथ न फैलाए मुकेश मेहनत का ही नाम है वो जिसको क़िस्मत कहते हैं साथी जिसको क़िस्मत कहते हैं मुकेश दो हाथों का खेल है वो जिसको दौलत कहते हैं साथी जिसको दौलत कहते हैं मुकेश हम जहाँ पसीना बहाएँगे मोती वहाँ उगाएँगे साथी मोती वहाँ उगाएँगे मुकेश नदियाँ बाँध नहर निकालें साथी नहर निकालें मुकेश नदियाँ बाँध नहर निकालें ख़ुशहाली छाए मुकेश और साथी ऐसा करो कि गाँव-गाँव में गंगा लहराए अपना देश विदेश के आगे हाथ न फैलाए कभी भी हाथ न फैलाए मुकेश देश की हर एक चीज़ है अपनी अपने हाथों क्यों तोड़ें साथी हम अपने हाथों क्यों तोड़ें मुकेश इसको बचाना फ़र्ज़ है अपना क्यों सरकार पे छोड़ें साथी हम क्यों सरकार पे छोड़ें मुकेश अपना है भारत सारा, हमें प्रांत-प्रांत है प्यारा साथी हमें प्रांत-प्रांत है प्यारा मुकेश आपस के ही इन दंगों में साथी इन दंगों में मुकेश आपस के ही इन दंगों में देश न जल जाए मुकेश और साथी ऐसा करो कि गाँव-गाँव में गंगा लहराए अपना देश विदेश के आगे हाथ न फैलाए कभी भी हाथ न फैलाए आज जहाँ है रेत कल वहाँ खेत मुस्कराए कल वहाँ खेत मुस्कराए