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वफ़ा के नाम पर मिटना नहीं आया अगर तुझको तो फिर जिस्म-ए-वफ़ा बाज़ार में क्यूँ बेचती है तू अगर तू आबरू अपनी बचा लेती तो अच्छा था अगर तू आबरू अपनी बचा लेती तो अच्छा था जो अपनी आग में खुद को जला लेती तो अच्छा था अगर तू आबरू अपनी लगा कर आग होंठों से किसी का घर जला देना लगा कर आग होंठों से किसी का घर जला देना किसी की जान जाना और तेरा मुस्करा देना कि तेरा मुस्करा देना कि तेरा मुस्करा देना किसी पर जान देकर मुस्करा लेती तो अच्छा था अगर तू आबरू अपनी बचा लेती तो अच्छा था जो अपनी आग में खुद को जला लेती तो अच्छा था अगर तू आबरू अपनी सती जो आन पैर होती है तू उनकी निशानी है सती जो आन पैर होती है तू उनकी निशानी है न हरगिज़ भूल बे ग़ैरत तू हिन्दोस्तानी है कि तू हिन्दोस्तानी है कि तू हिन्दोस्तानी है अगर तू शर्म को जेवर बना लेती तो अच्छा था अगर तू आबरू अपनी बचा लेती तो अच्छा था जो अपनी आग में खुद को जला लेती तो अच्छा था अगर तू आबरू अपनी