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ये शहर बड़ा अलबेला हर तरफ़ हसीनों का मेला पर और भी है कुछ आगे तू चला चल अकेला ये शहर बड़ा अलबेला हर तरफ़ हसीनों का मेला पर और भी है कुछ आगे तू चला चल अकेला साथी सिंगापुर सिंगापुर सिंगापुर मुकेश जवाँ शहर दिलवालों का हमारे जैसे मतवालों का गले मिले सब यहाँ पे आकर नहीं भेद गोरे-कालों का ये शहर बड़ा अलबेला हर तरफ़ हसीनों का मेला पर और भी है कुछ आगे तू चला चल अकेला साथी नियुम्मा मुकेश ये शहर बड़ा अलबेला हर तरफ़ हसीनों का मेला पर और भी है कुछ आगे तू चला चल अकेला ये शहर बड़ा अलबेला हर तरफ़ हसीनों का मेला पर और भी है कुछ आगे तू चला चल अकेला साथी सिंगापुर सिंगापुर सिंगापुर मुकेश यु मुस्कराती नटखट गुड़ियाँ यह हुस्न वाली मीठी छुरियाँ ज़रा देर को सब चकराएँ कहाँ से आईं इतनी परियाँ ये शहर बड़ा अलबेला हर तरफ़ हसीनों का मेला ये शहर बड़ा अलबेला हर तरफ़ हसीनों का मेला पर और भी है कुछ आगे तू चला चल अकेला साथी नमस्ते मुकेश ये शहर बड़ा अलबेला हर तरफ़ हसीनों का मेला ये शहर बड़ा अलबेला हर तरफ़ हसीनों का मेला पर और भी है कुछ आगे तू चला चल अकेला साथी सिंगापुर सिंगापुर सिंगापुर मुकेश जिधर से गुज़रे हम मस्ती में बहार आई उस बस्ती में चलें प्यार के नग़में गाते है घर किसी दिल की दिल्ली में साथी नियुम्मा मुकेश ये शहर बड़ा अलबेला हर तरफ़ हसीनों का मेला ये शहर बड़ा अलबेला हर तरफ़ हसीनों का मेला पर और भी है कुछ आगे तू चला चल अकेला साथी सिंगापुर सिंगापुर सिंगापुर