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रामायण से और गीता से मिलता है यह ज्ञान देख लो मन के नैंन खोल केकण कण में भगवान चाहे देखो जल में चाहे देखो थल में चाहे नीलगगन में निहार लो भगवान समाये संसार में भगवान समाये संसार में
मथुरा पुरी में श्रीहरी जन्मे जिनकी देवकी मैया यशोदा के आँगन में वो खेले बन के कृष्णा कन्हैया बंसी बजाये सबको रिझाये वन में चराये गैयाँ रास लीला जिसने की है सारे बृज में झूमें ये जग उसके ही प्यार में भगवान समाये संसार मेंचाहे देखो जल मेंचाहे देखो थल में चाहे नीलगगन में निहार लोभगवान समाये संसार मेंभगवान समाये संसार में